Friday, 2 December 2022

गोदान ( उपन्यास ) की समीक्षा

 

गोदान ( Godan ) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदी उपन्यास है जिसमे 20 सदी के रुढ़िवादी समाज का जिवंत चित्रण किया गया है ! Godan में भारतीय किसान का अद्भुत चित्रण किया गया है जिसमे दिखाया गया है कि वह कैसे अपने परिवार को पालने के लिए सेठ , साहुकारो , जमींदारो आदि के शोषण का शिकार होता है और अपनी पूरी जिंदगी भय और निराशा के साथ गुजारता है !

गोदान में बताया गया है कि कैसे एक भारतीय किसान अपनी छोटीछोटी जरूरतों के लिए साहुकारो से ऋण लेता है और हमेशा उस कर्ज को चुकाने के लिए निराशा में अपनी सम्पूर्ण जिंदगी गुजार देता है ! इसमें बताया गया है कि कैसे जमीदार , मील के मालिक , पेशेवर वकील , राजनेता लोग आदि अनपढ़ और नासमझ किसानो का शोषण करते है !

गोदान में लेखक प्रेमचंद ने जो भी बाते कही है वे सब एक संदर्भ में कही है जो आज भी उतना ही महत्वपूर्ण रखती है जितना वो पहले रखती थी ! गोदान में लेखक ने महाजनों , साहुकारो आदि पर तीखे प्रहार किये है और बताया है कि एक किसान को पूरी जिंदगी इनके चक्कर लगाने में गुजारनी पड़ती है !

मुंशी प्रेमचंद जी एक बहुत बड़े कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में जाने जाते है ! उनकी कहानियां और उपन्यास आज भी समाज को एक अच्छा सन्देश देती है ! गोदान प्रेमचंद जी का एक बहुत ही शानदार उपन्यास है ! गोदान ( Godan ) में लेखक ने हमारे समाज की कुंठा , निराशा , ऋणग्रस्तता आदि का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है ! प्रेमचंद जी ने गोदान के जरिये यह बताने का प्रयास किया है कि भारतीय किसान साहुकारो के चंगुल में फसकर कर्ज का शिकार रहा है और अपने परिवार का पेट पालने की चिंता में ही अपना जीवन गुजर देता है !


Thursday, 1 December 2022

जवाहरलाल नेहरू, तारा अली बेग, BOOK AVAILABLE IN LIBRARY

 

साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह

साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह 
केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में संप्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह का आयोजन 19 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक विद्यालय में किया गया। संप्रदायिक सद्भाव अभियान के अंतर्गत विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए गए जिसमें से निबंध लेखन, वाद- विवाद प्रतियोगिता और साम्प्रदायिक सद्भाव के विषय पे  संगोष्ठी का आयोजन प्रमुख है। 19 नवंबर को संप्रदायिक सद्भाव सत्ता के शुरुआत में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी प्रमुख रूप से रही। संगोष्ठी में देश मे  संप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए विषय पे विभिन्न शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए, इस संगोष्ठी में ये निकल कर आया की देश की तरक्की के लिए संप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बहुत जरूरी है, इस संगोष्ठी के तहत बच्चों को आपसी भाईचारा बनाने के लिए प्रेरित किया गया। सांप्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह के अंतर्गत एक वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कई छात्र-छात्राओं ने अपनी भागीदारी उपस्थित कराई इसी सप्ताह में केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें कई छात्रों ने सांप्रदायिक सद्भाव के विषय पर अपनी कला द्वारा यह प्रदर्शित किया कि देश में क्यों संप्रदायिक सद्भाव जरूरी है। संप्रदायिक सद्भाव के अंतर्गत सप्ताह के आखिरी दिन यानी कि 25 नवंबर 2022 को स्टिकर के माध्यम से फंड एकत्रित किया गया।









 

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