Sunday, 15 October 2023

पुस्तक समीक्षा, पुस्तक :- पिता के पत्र

 

पुस्तक :- पिता के पत्र
      लेखक :- जवाहरलाल नेहरू
      हिंदी अनुवादक :- प्रेमचंद


जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखित पत्रों का यह संग्रह वास्तव में इतिहास के शुरुआती अध्ययनकर्ता के रूप में बेहद जरूरी है। खासकर उन स्कॉलर्स के लिए जो कि कुछ वक्त से इतिहास को नहीं पढ़ पा रहे हैं और पुनः इतिहास का अध्ययन विस्तृत रूप से करना चाहते हैं।
●हालांकि इस पुस्तक में नेहरू जी ने इतिहास की कोई गहरी खुदाई नहीं कि है, तो फिर इतिहास पढ़ने के लिए आवश्यक पुस्तकों की सूची में इस सामान्य से किताब को शामिल करना कैसे जरूरी हैं?
- यह किताब इतिहास के बारे में एक संक्षिप्त लेखनी है, जिसके जरिये नेहरू जी अपने ज्ञान का अद्यतन तो करना ही चाहते हैं, लेकिन साथ-ही-साथ यह भी चाहते हैं कि उनकी पुत्री के मन में इतिहास का विराट रूप समा जाये और वह इसे जानने के लिए जिज्ञासु बनी रहे।

● इस छोटी से किताब में हम इतिहास की विभिन्न अवधारणाओं का प्राथमिक रूप देख सकते हैं।
चाहे हम पृथ्वी निर्माण की बात कर रहे हों अथवा भौगोलिक विभाजन, प्रागैतिहासिक काल, मध्यकाल, मानव जाति के उदय, सभ्यता निर्माण, जातियों, बोलियों अथवा स्थापत्य संबंधी बात कर रहे हों। यह पुस्तक उपरोक्त सभी विषयों के बारे में एक प्राथमिक राय का निर्माण कर देती है जो कि बाद में किये जाने वाले किन्हीं अन्य पुस्तकों के विस्तृत अध्ययन से पहले एक बेस का निर्माण कर देती हैं।

● हालांकि यह पुस्तक सभी जिज्ञासाओं की पूर्ति करने में सक्षम तो नहीं हैं परन्तु नवीन जिज्ञासाएँ मन में जगा देती है जिनकी पूर्ति के लिए हमें लगातार अनुसंधान करने होंगे।
इस पुस्तक के सीमित होने का कारण इसे पत्र शैली में लिखना है।

 

Tuesday, 10 October 2023

केन्द्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर, पुस्तक प्रदर्शनी आयोजन (२०२३-२४)

केन्द्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में विद्यार्थियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया| इस प्रदर्शनी में विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने बढ़- चढ़ कर भाग लिया| विद्यालय के पुस्तकालय में  ‌प्राचार्य श्री अम्बरीश कुमार गुप्ता द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया|उद्घाटन के दौरान प्राचार्य द्वारा प्रदर्शनी में पुस्तकों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा गया कि पुस्तकें इन्सान की सच्ची मित्र होती हैं क्योंकि किताबें इन्सान को सही रास्ता ‌दिखाते हुए ज्ञान को बढ़ाती हैं, साथ ही साथ हमें नैतिक शिक्षा का भी ज्ञान होता है|


Thursday, 17 August 2023

Vidyanjali Brochure

Vidyanjali Project

 Vidyanjali is an initiative taken by the Ministry of Education, Government of India with the aim to strengthen Schools through community and private sector involvement in schools across the country. This initiative would connect schools with varied volunteers from the Indian Diaspora namely, young professionals, retired teachers, retired Government officials, retired professionals, NGOs, Private Sector and Public Sector Companies, Corporate Institutions and many others.



Reading Time Class VII

 



Sunday, 2 April 2023

पुस्तकोपहार कार्यक्रम, केंद्रीय विद्यालय, भेल, जगदीशपुर

  

आज दिनांक 3 अप्रैल 2023 को केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में पुस्तकोपहार कार्यक्रम संपन्न हुआ । यह कार्यक्रम केंद्रीय विद्यालय संगठन की महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें छात्र विगत शैक्षिक सत्र की अपनी पुस्तकें अपने कनिष्ठ छात्रों को उपहार स्वरूपप्रदान करते हैं। इस कार्य से छात्रों को निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध हो जाती है साथ ही राष्ट्र की संपत्ति और पर्यावरण संरक्षण भी होता है क्योंकि नई पुस्तके ना लेने से अंततः बहुत सारे वृक्ष भी कटने से बचते हैं और अभिभावकों का खर्च भी कम होता है। साथ ही पुस्तके अपने पढ़ने, पाठक प्राप्त करने के उद्देश्य में भी सफल होती हैं। बिना पाठक के पुस्तक निरर्थक होती हैं। केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर के छात्रों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । विद्यालय प्राचार्य श्री अम्बरीश कुमार गुप्ता जी के नेतृत्व एवं विद्यालय के पुस्तकालय डॉ.मुशीर अहमद खान के प्रयास से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग किया और अपनी पुस्तकें पिछली कक्षा के छात्रों को सहर्ष प्रदान किया। इस कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए प्राचार्य ने सभी शिक्षकों को धन्यवाद
 किया।

 




Friday, 2 December 2022

गोदान ( उपन्यास ) की समीक्षा

 

गोदान ( Godan ) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदी उपन्यास है जिसमे 20 सदी के रुढ़िवादी समाज का जिवंत चित्रण किया गया है ! Godan में भारतीय किसान का अद्भुत चित्रण किया गया है जिसमे दिखाया गया है कि वह कैसे अपने परिवार को पालने के लिए सेठ , साहुकारो , जमींदारो आदि के शोषण का शिकार होता है और अपनी पूरी जिंदगी भय और निराशा के साथ गुजारता है !

गोदान में बताया गया है कि कैसे एक भारतीय किसान अपनी छोटीछोटी जरूरतों के लिए साहुकारो से ऋण लेता है और हमेशा उस कर्ज को चुकाने के लिए निराशा में अपनी सम्पूर्ण जिंदगी गुजार देता है ! इसमें बताया गया है कि कैसे जमीदार , मील के मालिक , पेशेवर वकील , राजनेता लोग आदि अनपढ़ और नासमझ किसानो का शोषण करते है !

गोदान में लेखक प्रेमचंद ने जो भी बाते कही है वे सब एक संदर्भ में कही है जो आज भी उतना ही महत्वपूर्ण रखती है जितना वो पहले रखती थी ! गोदान में लेखक ने महाजनों , साहुकारो आदि पर तीखे प्रहार किये है और बताया है कि एक किसान को पूरी जिंदगी इनके चक्कर लगाने में गुजारनी पड़ती है !

मुंशी प्रेमचंद जी एक बहुत बड़े कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में जाने जाते है ! उनकी कहानियां और उपन्यास आज भी समाज को एक अच्छा सन्देश देती है ! गोदान प्रेमचंद जी का एक बहुत ही शानदार उपन्यास है ! गोदान ( Godan ) में लेखक ने हमारे समाज की कुंठा , निराशा , ऋणग्रस्तता आदि का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है ! प्रेमचंद जी ने गोदान के जरिये यह बताने का प्रयास किया है कि भारतीय किसान साहुकारो के चंगुल में फसकर कर्ज का शिकार रहा है और अपने परिवार का पेट पालने की चिंता में ही अपना जीवन गुजर देता है !


Thursday, 1 December 2022

जवाहरलाल नेहरू, तारा अली बेग, BOOK AVAILABLE IN LIBRARY

 

साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह

साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह 
केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में संप्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह का आयोजन 19 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक विद्यालय में किया गया। संप्रदायिक सद्भाव अभियान के अंतर्गत विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए गए जिसमें से निबंध लेखन, वाद- विवाद प्रतियोगिता और साम्प्रदायिक सद्भाव के विषय पे  संगोष्ठी का आयोजन प्रमुख है। 19 नवंबर को संप्रदायिक सद्भाव सत्ता के शुरुआत में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी प्रमुख रूप से रही। संगोष्ठी में देश मे  संप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए विषय पे विभिन्न शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए, इस संगोष्ठी में ये निकल कर आया की देश की तरक्की के लिए संप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बहुत जरूरी है, इस संगोष्ठी के तहत बच्चों को आपसी भाईचारा बनाने के लिए प्रेरित किया गया। सांप्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह के अंतर्गत एक वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कई छात्र-छात्राओं ने अपनी भागीदारी उपस्थित कराई इसी सप्ताह में केंद्रीय विद्यालय भेल जगदीशपुर में चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें कई छात्रों ने सांप्रदायिक सद्भाव के विषय पर अपनी कला द्वारा यह प्रदर्शित किया कि देश में क्यों संप्रदायिक सद्भाव जरूरी है। संप्रदायिक सद्भाव के अंतर्गत सप्ताह के आखिरी दिन यानी कि 25 नवंबर 2022 को स्टिकर के माध्यम से फंड एकत्रित किया गया।









 

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